An agriculturist from Champaran, Rajkumar Shukla, was distressed by the plight of his fellow farmers. European planters had enforced the tinkathia system which meant farmers had to cultivate indigo on 3/20th of the total land. German synthetic dyes had replaced indigo towards the end of the nineteenth century, and the European planters demanded high rents and illegal dues from the farmers.
महात्मा गांधी, एक आम इंसान की तरह ही हार मांस का वो महामानव, जिसने भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ी गई अहिंसक लड़ाई की वो लकीर खींची, जिसे मिटना पाना अब किसी आम मानव के बस की बात नहीं लगती है. महात्मा गांधी ने अपने जीवन में मानव सेवा के इतने काम किए जिसपर सैकड़ों किताबें लिखी गई लेकिन फिर भी उनके कार्यों की बखान के लिए पन्ने और स्याही कम पर जा रहे हैं. इसलिए आइये आज हम चर्चा करते हैं उनके चंपारण सत्याग्रह की. बिहार के चंपारण जिले में महात्मा गांधी की अगुवाई में 1917 का चंपारण आंदोलन भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था। इस आंदोलन के जरिये महात्मा गांधी ने लोगों के विरोध को सत्याग्रह के माध्यम से लागू करने का पहला प्रयास किया जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आम जनता के अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था।
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